मस्सों का प्रभाव:
यह त्वचा पर छोटी-छोटी उभरी हुई काली-काली फुंसिया होती है इनकी सतह खुरदरी होती है। यह शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है । परंतु हाथों और चेहरे पर हो जाएं तो भद्दी लगती है। विशेष रूप से यह त्वचा में विषैले कीटाणु घुसने से पैदा होती है। और त्वचा पर बुरा प्रभाव डालती है। कई बार एक ही जगह पर बहुत से मस्से निकल आते है । जिन्हें देखने में घृणा आती है । इसके कई इलाज है परंतु यह नहीं कहा जा सकता कि इससे ये फिर से पैदा नहीं होंगे । इन्हें हाथ से खींच कर नहीं निकालना चाहिये । सौन्दर्य-विशेषज्ञ से इनके संबंध में परामर्श करें तो ठीक रहेगा ।
इन मस्सों को रोकने के लिये जिस वस्तु का प्रयोग किया जाता है। उससे इन तक रक्त संचार होना बंद हो जाता है । इन मस्सों पर एक बारीक मजबूत धागा बांधा जाता है । जिससे यह सूख जाते है । और अंत में इन्हें किसी छोटी आरी या ब्लेड से काट दिया जाता है । फिर अच्छी मेडीकेटेड क्रीम या एन्टी सैप्टिक क्रीम लगाने की सलाह दी जाती है ।
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