मूत्राशय में सूजन:
मूत्राशय (वह स्थान जहां पेशाब एकत्रित होता है) में संक्रमण या खून के ज्यादा होने से सूजन आ जाती है जिससे रोगी को पेशाब करने में कष्ट, दर्द और जलन होती है। इसके साथ ही रोगी में पेशाब बूंद-बूंद करके आना जैसे लक्षण प्रकट होते हैं।
विभिन्न औषधियों से उपचार-
1. तुलसी: तुलसी के पत्ते को मिश्री मिले शर्बत में घोंटकर बार-बार पीने से मूत्राशय की जलन के रोग में अच्छा लाभ होता है।
2. जंगली अजवायन: जंगली अजवायन का काढ़ा सिरका और शहद के साथ मिलाकर पीने से नाभि के नीचे की सूजन और दर्द ठीक होता है।
3. चन्दन: चन्दन के तेल की 5 से 15 बूंदे बताशे पर डालकर रोजाना 3 बार खाने मूत्राशय की जलन ठीक हो जाती है।
4. गुग्गुल: लगभग आधे से एक ग्राम की मात्रा में गुग्गुल को गुड़ के साथ लेने से सेवन करने से मूत्राशय की सूजन दूर हो जाती है।
5. लोबान: लगभग आधे से एक ग्राम लोबान को बादाम और गोंद के साथ सुबह-शाम लेने से पेशाब के रोग में लाभ होता है।
6. शिलारस: आधे से एक ग्राम शिलारस को गुलेठी के साथ सुबह-शाम लेने से मूत्राशय की सूजन और पेशाब की जलन दूर हो जाती है।
7. गठिबन (बनतुलसी): मूत्राशय की सूजन में गठिबन (बनतुलसी) के पत्तों को पीसकर लेप करने से लाभ होता है।
8. शीतलचीनी: मूत्राशय में सूजन होने पर आधे ग्राम शीतलचीनी के चूर्ण को दूध के साथ या आधा ग्राम फिटकिरी के साथ रोजाना 3 बार खाने से मूत्राशय की सूजन मिटती है। इसका लेप नाभि के नीचे करने से लाभ होता है।
9. छोटी गोखरू: छोटी गोखरू का काढ़ा सुबह-शाम लेने से मूत्राशय की सूजन में लाभ होता है।
10. अपराजिता: मूत्राशय की सूजन में अपराजिता की फांट या घोल को सुबह-शाम खाने से लाभ होता है।
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